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अम्बेडकरनगर: दहेज लोभियों ने प्रताड़ित कर रेखा देवी व उसकी दो मासूम बेटियों को घर से निकाला


पीड़िता ने उच्चाधिकारियों को प्रार्थना-पत्र देकर लगाई न्याय की गुहार

दहेज लेना और देना दोनों भले ही अपराध की श्रेणी में आते हों बावजूद इसके यह अपराध बेरोक-टोक बदस्तूर जारी है। हर जाति/धर्म के लोगों द्वारा शादी-ब्याह में कन्या पक्ष से दहेज लेना एक तरह से स्टेटस सिम्बल माना जाता है। सरकार द्वारा बगैर दहेज वाली शादी को बढ़ावा देने के लिए नित्य नियमित तरह-तरह के प्रचार-प्रसार मीडिया के माध्यम से किए जाते हैं, फिर भी दहेज प्रथा खतम होने को कौन कहे और बढ़ ही रही है। महंगी शादी और हैसियत से कहीं ज्यादा दान-दहेज देना और लेना एक परम्परा सी बनती जा रही है।
रही बात दहेज लोभियों की तो वे भी आए दिन अपनी बहुओं को दहेज के लिए प्रताड़ित करने से बाज नहीं आ रहे हैं। उनकी प्रताड़ना से तंग आकर अधिकांश नव ब्याहताएँ घर छोड़ने को मजबूर हो जाती हैं और कुछ तो आत्महत्या करके मौत को गले लगा लेती हैं। जो युवतियाँ ये कार्य नहीं कर पाती हैं उन्हें उनके दहेज लोभी ससुराली जन (पति, ससुर, सास, ननद व देवर) प्रताड़ित करके मौत के घाट उतार देते हैं। दहेज उत्पीड़न की खबरें प्रतिदिन मीडिया की सुर्खियों में रहते हैं।
अम्बेडकरनगर जनपद के थाना बेवाना क्षेत्रान्तर्गत ग्राम बेवाना खास निवासी रामबदन (दलित) की पुत्री रेखा देवी के साथ उसके ससुराली जनों द्वारा दहेज की मांग को लेकर बीते 4 सालों से प्रताड़ित करने का मामला संज्ञान में आया है। पीड़िता रेखा देवी ने इस आशय का एक शिकायती-पत्र थाना बेवाना और महिला थाना में देकर प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने और विपक्षीगणों के विरूद्ध कानूनी कार्रवाई किए जाने की मांग किया है।
दहेज पीड़िता रेखा देवी पुत्री स्व. रामबदन (दलित) के अनुसार:-
रेखा देवी द्वारा दी गई तहरीर के अनुसार उसकी शादी 28 मई 2012 को ग्राम रतनपुर, पोस्ट ब्राहिमपुर कुमसा, थाना कोतवाली टाण्डा, जनपद- अम्बेडकरनगर निवासी रामजगत के पुत्र अमित कुमार के साथ हुआ था। रेखा देवी के पिता की मृत्यु पहले ही हो चुकी थी, इसलिए उसके गरीब भाई अनिल कुमार ने इधर-उधर से व्यवस्था करके 5000 नकद, सोने की चेन, सोने की अंगूठी व अन्य आभूषण, वस्त्र के अलावा अन्य घरेलू सामान वर पक्ष को देकर शादी किया था। शादी में ही रेखा देवी की विदाई हुई थी और वह एक सप्ताह के लिए अपने ससुराल गई। रेखा देवी का कहना है कि अनिल कुमार द्वारा दिए गए दहेज से उसके ससुराली जन संतुष्ट नहीं थे।
रेखा देवी के ससुराल जाने के बाद से ही उसके पति अमित कुमार पुत्र राम जगत, ससुर राम जगत पुत्र धन्जू, सास तारा देवी पत्नी रामजगत कम दहेज लाने को लेकर तरह-तरह के ताने और व्यंग्य भरी बातें कहने लगे। इन सभी लोगों द्वारा रेखा देवी से दो लाख रूपए नगद व एक मोटर साइकिल अपने भाई अनिल कुमार से दिलाने की बात कही जाने लगी, और जब रेखा देवी भाई की गरीबी बताकर मना करती तो उसे गाली-गलौज देकर मारते-पीटते हुए जाने से मारने की धमकी दी जाने लगी। रेखा देवी अपने पत्नी धर्म का पालन करते हुए 4 वर्षों तक सब-कुछ सहती रही। जुलाई 2016 को दहेज पीड़िता रेखा देवी को उसके ससुंराल वालों ने दहेज के उक्त मांग को लेकर घर से निकाल दिया और कहा कि जब तक दहेज लेकर नहीं आओगी तब तक घर में घुसने नहीं देंगे। रेखा देवी अपनी तीन वर्ष की मासूम बच्ची अनुष्का और 10 माह की बेटी आराध्या को लेकर अपने मायके आकर रहने लगी।
पंचायतन 16 फरवरी 2017 को दोनों पक्षों में समझौता हुआ और उसके अनुसार रेखा देवी को उसके ससुराल विदा कर दिया गया। उसी दिन ससुराल ले जाते समय रास्ते में उसे उसके पति अमित कुमार व ससुर राम जगत द्वारा माँ-बहन की भद्दी-भद्दी गालियाँ देते हुए लात-घूसों व थप्पड़ों से मारा-पीटा गया और रास्ते में पड़ने वाली बाजार रामपुर सकरवारी (थाना बेवाना) में दोनों मासूम बच्चियों के साथ चार पहिया आटो वाहन से उतार दिया गया। रेखा देवी वहाँ से किसी तरह अपने मायके बेवाना आई और मायके वालों से सारी बात बताया। इस समय रेखा देवी अपनी दोनो बच्चियों के साथ अपने मायके बेवाना गाँव में अपने भाई अनिल कुमार के यहाँ रह रही है। 
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